परमात्मा एक शक्ति है, एक आत्मा प्रकाश का बिन्दु – आत्मा जो कभी मनुष्यात्मा ना थी और ना ही होगी। कुछ लोगों के लिए परमात्मा, ईश्वर एक ऐसा भारी भरकम शब्द है जिसकी भयपूर्ण यादों के साथ अरुचि की झालर लगी हुई है। कुछ लोग उसकी पूजा करते हैं, और कुछ उसका नाम सिमरण करते हैं।
ब्रह्माकुमारीज़ विद्यालय के द्वारा यह सूचित किया जाता है कि परमात्मा केवल आपको उस आध्यात्मिक शक्ति के केन्द्र बिन्दु के साथ परस्पर सम्बन्ध जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। सहज विधि के माध्यम से आपको कहा जाता है कि याद करें और उस शक्ति को आपको मार्ग दर्शन करने के लिए जगह और समय बनायें। अगर आप ऐसा चाहते हो तो, बस इतना ही। एक बार जब आप सम्बन्ध जोड़ लेते हैं तब आपको अनुभव होगा कि ऊर्जा की किरण आपकी आत्मा में प्रवेश हो रही हैं। जैसे कि किसी कुण्ड से शान्ति, प्रेम, आनन्द, साहस और सुख और इससे भी अधिक शक्तियाँ निरन्तर मेरी तरफ आ रही हैं। उस आत्मा को याद करने का कोई विवशता नहीं है। ना ही किसी प्रकार के श्राप (दण्ड) का भय रखने की आवश्यकता है। परमात्मा जो एक बिन्दु रूप शक्ति है उसकी पूजा करने की आवश्यकता नहीं है।
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