परमात्मा अन्य सभी आत्माये और प्रकृति के बन्धन से स्वतन्त्र है। एक अलग और अनोखी शक्ति है। संस्कृत भाषा में इस शक्ति को आत्मा कहा जाता है। भगवान एक आत्मा है। गांधी जी को महात्मा कहा जाता था, लेकिन परमात्मा एक सम्पूर्ण महात्मा है। लेकिन अभी के लिए हम गॉड, भगवान इस नाम को अलग रखते हैं और ‘परम शक्ति' नाम का इस्तेमाल करते हैं। सद्गुण इस उन्नत शक्ति के अभिव्यक्ति का माध्यम है। सद्गुणों के स्रोत परम सत्ता से सद्गुणों का प्रवाह बहता है। इस परम सत्ता के सानिध्य में रहने से आप सद्गुणों के सागर में नहाते हो और अपने जीवन के समस्याओं के समाधान प्राप्त करते हो।
Try this meditation on the Ocean of Virtue